हेल्लो दोस्तों! आज हम इस Blog post में What is Digital signature in hindi | डिजिटल सिग्नेचर क्या है? के बारें में जानकारी देंगे..
What is Digital signature in hindi | डिजिटल सिग्नेचर क्या है |
डिजिटल साइनेचर (Digital signature) एक क्रिप्टोग्राफिक तकनीक है जो डिजिटल दस्तावेज़ों, संदेशों, या डेटा को सत्यापित करने के लिए प्रयुक्त होती है। यह एक तरह की छाप (stamp) होती है जो दस्तावेज़ के उत्पादक या भेजने वाले व्यक्ति की पहचान को सुनिश्चित करती है।
Digital signature का उपयोग डिजिटल सुरक्षा में महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब हमें यकीनी होना होता है कि दस्तावेज़ या संदेश का उत्पादक या भेजने वाला व्यक्ति सही और प्राधिकृत है। यह सुनिश्चित करने के लिए, Digital signature व्यक्ति के निजी कुंजी (private key) का उपयोग करके एक डिजिटल हैश (digital hash) बनाता है, और फिर उस हैश को उस दस्तावेज़ के साथ संलग्न कर देता है।
इस प्रक्रिया से, जब दस्तावेज़ या संदेश प्राप्तकर्ता उसे देखता है, वह उस दस्तावेज़ के साथ संलग्न Digital signature को पढ़कर प्राथमिक डेटा के हैश को फिर से जनरेट करता है। फिर उस नए हैश को दस्तावेज़ के अनुरूप हैश के साथ तुलना करके सत्यापित करता है कि दस्तावेज़ में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है और साथ ही साथ Digital signature का भी मिलान होता है।
Digital signature आम तौर पर विभिन्न आधारभूत डिजिटल लेन-देन, ई-साइनेचर, और ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स के सत्यापन में प्रयोग किया जाता है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आपको विश्वास हो कि आपके संदेश का मूल उत्पादक या भेजने वाला व्यक्ति वास्तविक है और उनकी पहचान सत्य है।
Signing the Whole Digital Document in Hindi?
दस्तावेज़ के पूरे भाग को साइन करने के लिए "दस्तावेज़ का पूरा हस्ताक्षर करना" वाक्यांश का उपयोग किया जा सकता है। इसका अर्थ होता है कि पूरे दस्तावेज़ के सभी पन्नों पर या पूरे दस्तावेज़ के अंत में हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह साधारण रूप से परंपरागत दस्तावेज़ों में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे प्रत्येक पृष्ठ के शेष भाग में हस्ताक्षर न करने की आवश्यकता होती है।
यदि आप डिजिटल रूप से दस्तावेज़ को साइन करना चाहते हैं, तो आप डिजिटल साइनेचर (Digital Signature) का उपयोग कर सकते हैं, जैसा कि मैं पहले उपर्युक्त उत्तर में समझाया था। यह आपको दस्तावेज़ के साथ संलग्न होता है और दस्तावेज़ के पूरे भाग को सत्यापित करता है कि उसे सही और प्राधिकृत व्यक्ति ने हस्ताक्षर किया है।
Digital Signature is used to achieve the following three aspects
डिजिटल साइनेचर (Digital Signature) का उपयोग निम्नलिखित तीन पहलुओं को प्राप्त करने के लिए किया जाता है:
1. पहचान (Identification): डिजिटल साइनेचर के माध्यम से एक व्यक्ति या संगठन की पहचान सत्यापित की जा सकती है। साइनेचर के पीछे छिपे हुए निजी कुंजी (private key) के जरिए सत्यापित किए जाने से, उस व्यक्ति या संगठन के पास विशिष्ट पहचान प्रमाण पत्र (digital certificate) होना आवश्यक होता है। इससे डिजिटल साइनेचर की वैधता और पहचान निश्चित होती है।
2. सत्यापन (Authentication): डिजिटल साइनेचर का उपयोग डेटा या संदेश के स्रोत को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। जब व्यक्ति या संगठन अपने Digital signature के साथ डेटा को संलग्न करते हैं, तो प्राप्तकर्ता उस साइनेचर को उनके प्रमाणीकरण प्राधिकरण के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं और यकीनी हो सकते हैं कि डेटा वास्तविक और अपरिवर्तित है।
3. अख़बाराती (Integrity): डिजिटल साइनेचर डेटा और संदेश की अख़बारती को सुनिश्चित करता है। जब व्यक्ति या संगठन अपने Digital signature के साथ डेटा को संलग्न करते हैं, तो उस साइनेचर के साथ एक डिजिटल हैश (digital hash) भी जुड़ा जाता है। प्राप्तकर्ता इस हैश को पुनः उत्पन्न कर सकते हैं और उसे मूल डेटा के हैश के साथ तुलना करके देख सकते हैं कि डेटा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यदि डेटा में भ्रष्टाचार होता है, तो हैश भी बदल जाता है, और साइनेचर की वैधता ख़त्म हो जाती है। इससे डेटा की अख़बारती सुनिश्चित होती है।
Signing the Digest in Hindi?
डाइजेस्ट (Digest) को साइन करने के लिए "डाइजेस्ट का हस्ताक्षर करना" वाक्यांश का उपयोग किया जाता है। यह वाक्यांश इस प्रक्रिया को व्यक्त करता है जिसमें एक डाइजेस्ट (हैश) को डिजिटल साइनेचर (Digital Signature) के माध्यम से संलग्न किया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य एक डाइजेस्ट या हैश को सत्यापित करना होता है और सुनिश्चित करना होता है कि उस हैश का उत्पादक व्यक्ति वास्तविक और प्राधिकृत है।
यह प्रक्रिया विशेष रूप से क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दस्तावेज़ों, संदेशों, और डेटा के सटीकता और अख़बारती को सुनिश्चित करने में मदद करता है। डाइजेस्ट को साइन करने से प्राप्तकर्ता को यकीन होता है कि उस हैश का उत्पादक व्यक्ति सत्य और प्राधिकृत है, और वह डाइजेस्ट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे विश्वास के साथ इंटरनेट पर डेटा को सुरक्षित रूप से भेजा जा सकता है और इसे नकली और अवैध दृष्टिकोण से बचाया जा सकता है।
Following are the steps taken to ensure security?
निम्नलिखित हैं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अवश्यक चरण हिंदी में:
1. डेटा एन्क्रिप्शन: संदेशों, फ़ाइलों, और अन्य डेटा को एन्क्रिप्ट करके उन्हें सुरक्षित बनाना। एन्क्रिप्शन डेटा को बिना उचित प्रमाणीकरण के देखने से रोकता है और केवल अधिकृत व्यक्तियों को उसे पढ़ने या उसको समझने की अनुमति देता है।
2. डिजिटल साइनेचर: महत्वपूर्ण डेटा और संदेशों को सत्यापित करने के लिए डिजिटल साइनेचर का उपयोग करें। यह साइनेचर एक व्यक्ति या संगठन की पहचान सत्यापित करने में मदद करता है और यकीनी बनाता है कि डेटा अपरिवर्तित और वैध है।
3. अधिकृत उपयोगकर्ता नियंत्रण: विशेष प्रमाणिकरण प्रक्रिया द्वारा अधिकृत उपयोगकर्ताओं की पहचान और पहुंच की विशेष रख रखाव करें। इससे अनधिकृत पहुंच से बचा जा सकता है और आपके सिस्टम की सुरक्षा बढ़ती है।
4. नेटवर्क सुरक्षा: नेटवर्क पर डेटा को सुरक्षित रखने के लिए फ़ायरवॉल, एंटीवायरस, और अन्य सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें। नेटवर्क सुरक्षा उपायों से अनधिकृत पहुंच, नुकसान, और अवैध गतिविधियों से बचा जा सकता है।
5. सतत अपडेट: सभी सॉफ़्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, और सुरक्षा उपकरणों को समय-समय पर अपडेट करें। यह उनमें पाए जाने वाले सुरक्षा गड़बड़ीयों को ठीक करता है और सुरक्षा स्तर को बढ़ाता है।
6. पासवर्ड सुरक्षा: मजबूत और विवेकपूर्व पासवर्ड का उपयोग करें, जो अन्य लोगों द्वारा आसानी से उजागर न हो सकें। पासवर्ड निर्धारण नीतियों का पालन करें और नियमित अंतराल पर पासवर्ड बदलें।
7. सेंसिटिव डेटा की सुरक्षा: ज़रूरत के अनुसार सेंसिटिव डेटा को और सुरक्षित ढंग से संग्रहीत और एक्सेस किया जाना चाहिए। इसे केवल आवश्यकता होने पर ही उजागर करें और नियमित अंतराल पर बैकअप बनाएं।
8. अधिकृत प्रशिक्षण: सभी उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा सम्बन्धित बेहतरीन अनुसार शिक्षित करें और सुरक्षा नीतियों का पालन करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
9. अलर्ट और मॉनिटरिंग: अलर्ट और मॉनिटरिंग उपकरणों का उपयोग करें ताकि अनुप्रयुक्त गतिविधियों की पहचान हो सके और उन्हें ठीक करने के लिए कदम उठाएं।
10. फिजिकल सुरक्षा: सिस्टम, सर्वर, और संबंधित उपकरणों को फिजिकल रूप से सुरक्षित रखें। सुरक्षित और प्रतिबंधित पहुंच वाले स्थानों पर इन्हें स्थापित करें ताकि केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही उन्हें फिजिकल रूप से छूने की अनुमति हो।
ये सभी चरण एक सुरक्षित और सुरक्षित डिजिटल परिवेश की निर्माण में मदद करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आपके डेटा और जानकारी निजी रहते हैं और अनधिकृत पहुंच से सुरक्षित है
दोस्तों अगर आपको यह जानकारी What is Digital signature in hindi | डिजिटल सिग्नेचर क्या है? का यह लेख उपयोगी और मददगार रहा हो तो इसे अपने दोस्तों और जाने वालो के साथ अवश्य share कीजिये धन्यवाद.
Thanks for reading: What is Digital signature in hindi | डिजिटल सिग्नेचर क्या है, Sorry, my English is bad:)